तारा कब ब्लैक होल बनता है? When Star becomes a black hole

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Blackhole क्या है?

Black hole हमारे ब्रहमांड के सबसे ज्यादा घनत्व वाले इलाके होते हैं, इतने ज्यादा घनत्व के कारण black holes का गुरुत्वाकर्षण इतना हो जाता है कि ये ब्रहमांड की हर एक चीज को निगल सकते हैं|black holes का गुरुत्व इतना ज्यादा होता है कि प्रकाश भी इसके चंगुल से बचकर नहीं निकल सकता|

कैसे बनते हैं blackholes

blackholes के बनने की अनेकों theories हैं लेकिन अगर हम आसान भाषा में समझें कि blackholes कैसे बनते हैं तो इसका उत्तर है कि जब एक तारा अपने जीवन के आखिरी पड़ाव में होता है तब वह इतनी उर्जा नहीं बना पाता कि वह अपने द्रव्यमान के कारण लगने वाले गुरुत्व का सामना कर पाए| ये अक्सर बड़े तारों में होता है लेकिन जब ऐसा होता है तब वह तारा अपने ही गुरुत्व के कारण अपने ही आप में ढेह जाता है|

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Black hole
Black hole

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किस तारे से बनेगा blackhole

यहाँ हमारे मन में से सवाल आ सकता है की जब बड़े तारे मरते हैं तो blackhole बनता है लेकिन वो तारे कितने बड़े होते होंगे ?
तो इस को सुनिश्चित करती है चंद्रशेखर लिमिट
चंद्रशेखर लिमिट बताती है की एक सफ़ेद बौना तारा कब तक स्थिर रह सकता है| अभी के लिए चंद्रशेखर लिमिट की सीमा 1.4 सौर द्रव्यमान के करीब है मतलब जब तक कोई तारा हमारे सूर्य से 1.4 गुना तक बड़ा है या इससे छोटा है तब तक वो तारा मरने के बाद एक सफ़ेद बौना तारा बन जाएगा| लेकिन अगर किसी तारे का द्रव्यमान चंद्रशेखर लिमिट यनि कि 1.4 सौर द्रव्यमान से ज्यादा भारी है तो उस तारे का अंत बहुत ही बड़े धामके के रूप में होगा जिसे हम सुपरनोवा कहते हैं|

चंद्रशेखर लिमिट ही तय करता है की कौन सा तारा सफ़ेद बौना तारा बनेगा, या एक लाल दानव तारा बनेगा या एक blackhole बनेगा|

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