Vivekananda Jayanti की 156वीं वर्षगांठ को हम national youth day यानि राष्ट्रीय यूवा दिवस के रूप में मनाते हैं| यहाँ पेश हैं श्री विवेकानंद जी के कुछ अनमोल विचार भारत के आधुनिक इतिहास को एक नई दृष्टि देने वाले महान आध्यात्मिक विभूति स्वामी विवेकानंद जी का आज 156 वी जयंती है|
Vivekananda Jayanti कब मनाई जाती है ?
भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस तब मनाया जाता है जब स्वामी विवेकानंद जी का जन्म हुआ है और हमारी सरकार ने स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के दिन ही राष्ट्रीय युवा दिवस भी घोषित कर दिया है और इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाने लगा है यह 12 जनवरी को मनाया जाता है और यह हर साल मनाया जाता है|
- राष्ट्रीय युवा दिवस भारत के लोगों के बीच एक महान जागरूकता पैदा करने के लिए मनाया जाता है ताकि उन्हें भारत में अनुष्ठान के महत्व के बारे में और जानकारी मिल सके |
- राष्ट्रीय युवा दिवस का उपयोग लोगों को एक दूसरे के करीब आने और एक दूसरे को एक कार्य को बेहतर ढंग से करने के लिए और समझाने के लिए किया जाता है |
- दोस्तों स्वामी विवेकानंद जी का जन्म 12 जनवरी 1863 में हुआ था और उनकी मृत्यु 4 जुलाई 1902 में हुई थी |
- राष्ट्रीय युवा दिवस का जश्न भारत जैसे देश में बहुत महत्व रखता है जिसमें 60% से अधिक आबादी युवाओं की है और इसे हर युवा मनाता है और इस दिन एक नई सीख लेता है |
- यह हमें स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा किए गए बलिदानों के बारे में भी याद दिलाता है जिन्होंने भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता की ओर निर्देशित किया था |
- युवा उत्सव के दौरान दिए गए कुछ लोकप्रिय विषय थे “सबसे पहले भारत” “युवाओं के लिए नशा मुक्ति अभियान” “उत्सव में एकता का उत्सव” “युवा भारत के लिए डिजिटल” और “संकल्प से सिद्धि” यह युवा उत्सव के कुछ लोकप्रिय विषय थे |
- दोस्तों स्वामी विवेकानंद जी का कहना था कि “संकट से भागो मत इसका सामना करो” क्योंकि संकट का सामना करने से ही आपकी परेशानियां हल हो सकती है अन्यथा नहीं |
- एक बार कहीं जाते हुए स्वामी विवेकानंद जी का पाला बंदरों से पड़ गया वह जितना आगे बढ़ते बंदर पीछे चलते रहते वह तेज भागते तो बंदर और तेज भागने लगते और धीरे-धीरे उनकी संख्या बढ़ने लगी और उन्होंने घेराव करना भी शुरू कर दिया इसके बाद स्वामी जी रुके और पीछे मुड़ते हुए तेजी से कदम बढ़ाए और बंदरों की ओर बढ़ने लगे वह जिससे उन्होंने उस संकट को उसका सामना करके दूर किया और सारे बंदर भाग गए |
- दोस्त “राष्ट्रीय युवा दिवस” का उपयोग लोगों को एक दूसरे के करीब आने और एक दूसरे को और बेहतर ढंग से समझाने के लिए किया जाता है | लोगों को हर विचार प्राप्त करने और योजनाओं के उचित ज्ञान के साथ-साथ सभी कार्य को करने के लिए आवश्यक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए| “राष्ट्रीय युवा दिवस” को बनाया जाता है |
- “स्वामी विवेकानंद” ने भारतीय अध्यात्म, योग, भारतीय मनीषा, को विश्व में प्रतिष्ठित किया था लेकिन यह सिर्फ 1 दिन, या महज एक पल की बात नहीं थी बल्कि, यह एक व्यक्ति के जीवन में घटे कई प्रसंगों का परिणाम था| जो एक साधारण बालक नरेंद्र को स्वामी विवेकानंद बना देता है|
- दोस्तों जब शिकागो सम्मेलन में विश्व भर में चल रहे सभी धर्मों के प्रतिनिधियों को आमंत्रण दिया गया था|तो इस आयोजन को लेकर अमेरिका के शहरों में होड़ मच गई, क्योंकि जिस भी शहर में इतना बड़ा आयोजन होता, उसका कायाकल्प हो जाता है| ऐसे में अमेरिकी सीनेट, में न्यूयॉर्क शिकागो वाशिंगटन और सैंट लुइ शहर के बीच मतदान कराना पड़ा| इसमें शिकागो सबसे अधिक वोट मिले और वह प्रख्यात भारतीय मनीषा का गवाह बना|
- दोस्तों जब स्वामी विवेकानंद संबोधन करने के लिए स्टेज पर गए, तो जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया गया और स्वामी जी ने जाते ही यह कहा “आपके इस स्नेह पूर्ण और जोरदार स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है मैं आपको दुनिया की सबसे प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं”
- स्वामी Vivekananda सभी धर्मों और समुदाय को एक साथ लेकर चला करते थे उनका कोई एक धर्म नहीं था बल्कि वह भारत में रह रहे सभी धर्मों को एक समान मानते थे और सभी को भारतवासी कहते थे|
- स्वामी Vivekananda जी का कहना था “कि जिस तरह अलग-अलग स्रोतों से नदियां निकलती है और अंत में जाकर समुद्र में मिल जाती है” “उसी प्रकार से मनुष्य भी अलग-अलग मार्गों, धर्मों का होता है लेकिन अंत में वह एक ही जगह पर जाता है”
- दोस्तों भारत के आधुनिक इतिहास को नई दृष्टि देने वाले महान आध्यात्मिक विभूति स्वामी विवेकानंद जी की 156 वी जयंती है|Vivekananda Jayanti को भारत ही नहीं बल्कि देशों में भी मनाया जाता है |
- Vivekananda जी का जन्म राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि उन्हें युवाओं का आइकन माना जाता है, उन्होंने बुढ़ापा देखा ही नहीं, क्योंकि उम्र 39 वर्ष की उम्र में ही उनका निधन हो गया था| उनकी जिंदगी, और उनका धर्म, जीवन दर्शन पूरे विश्व के लोगों को खासकर युवाओं को प्रेरित करना था |
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विवेकानंद जी के कुछ महत्वपूर्ण विचार
हमारी संस्कृति बाकी संस्कृतियों से भिन्न है, बाकी संस्कृतियों का निर्माण दर्जी करते हैं, जबकि हमारी संस्कृति का निर्माण हमारा चरित्र करता है, संस्कृति वस्त्रों में नहीं चरित्र के विकास में है |
यह कभी मत कहो कि मैं कुछ नहीं कर सकता, क्योंकि आप अनंत हैं और आप कुछ भी कर सकते हैं,
शक्ति जीवन है, तो निर्बलता मृत्यु है, विस्तार जीवन है, तो संकुचन मृत्यु है, प्रेम जीवन है तो द्वेष मृत्यु है.
अपने इरादों को मजबूत रखो लोग जो कहेंगे उन्हें कह रहे दो, एक दिन वही लोग तुम्हारा गुणगान करेंगे.
अपने आप का विस्तार, अपने अंदर से करना होगा, तुम्हें कोई नहीं सिखा सकता, कोई तुम्हें आध्यात्मिक नहीं बना सकता, कोई दूसरा शिक्षक नहीं है, बल्कि आपकी अपनी आत्मा है, जो आपसे कुछ भी करा सकती है.
ब्रह्मांड की सभी शक्तियां हमारे अंदर है, यह हम ही हैं जिन्होंने अपनी आंखों के सामने हाथ रखा और रोते हुए कहा कि अंधेरा है.
कुछ भी ऐसा जो आपके शरीर, बौद्धिक, और आध्यात्मिक रूप से आपको कमजोर बनाता हो उसे जहर मान लेना चाहिए और उसे नकार देना चाहिए.
एक बार परमेश्वर का नाम लेने से कोई धार्मिक नहीं हो जाता जो व्यक्ति अच्छे कर्म करता है वही धार्मिक है.
सच्चाई के लिए कुछ भी छोड़ देना, चाहिए पर किसी के लिए भी सच्चाई को नहीं छोड़ना चाहिए.
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