क्या तीसरा विश्व युद्ध कॉकरोच और इंसानों के बीच होगा?

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तो दोस्तों, यह आपको सुनने में बहुत बेतुका लग रहा होगा, और यह सुनकर हंसी भी आ रही होगी, लेकिन आप यह आर्टिकल पूरा पढ़िए, आपका नजरिया जरूर बदल जाएगा। तो दोस्तों, आप सभी को लग रहा होगा कि कोकरोज हम से कैसे युद्ध कर सकते हैं। तो आप यह आर्टिकल पूरा पढ़िए है।

 cockroach vs humans
Cockroach vs Humans

तो दोस्तों, मैं आपको एक बात बताना चाहूंगा, कि हमारी धरती पर वही जिव या प्राणी जिंदा रह सकता है, जो अपने कुदरती माहौल के अनुसार, एडेप्ट हो सकता है, यानी अपने आपको कुदरत के अनुसार अनुकूल बनाता है। सिर्फ वही धरती पर जिंदा रह सकता है। उदाहरण के तौर पर, जो भालू जंगल में रहते हैं, उनको ज्यादा ठंडी नहीं लगती, इसीलिए, उनकी त्वचा के ऊपर ज्यादा बाल नहीं आते, और उनकी त्वचा ज्यादा मोटी नहीं होती, लेकिन जो भालू ठंडी जगह में रहते हैं, पोलार बियर, जो होते हैं, उनके त्वचा के ऊपर, ज्यादा बाल आते हैं, क्योंकि वह वैसे माहौल के अनुसार अनुकूल है।

Polar Bear
Polar Bear

तो दोस्तों, आज इंसान धरती पर सबसे ज्यादा, विकसित प्राणी है। इस विकसिता को लगभग, दो लाख साल से ढाई लाख साल लगे हैं। इन सालों में, इंसान की बुद्धि का काफी विकास हुआ है, और अब इंसान अपने आप पर्यावरण के अनुसार नहीं ढाल रहा, बल्कि अपने हिसाब से पर्यावरण को ढाल रहा है। और आज इंसान सबसे ताकतवर बन गया है।

वैसे ही जब, आज शोधकर्ताओं यानी रिसर्चरों ने, काफी प्रयोग किए, कॉकरोच के ऊपर, और यह पाया की यह खतरनाक कॉकरोच तो, खतरनाक से खतरनाक कीटकनाशक के खिलाफ भी अपने आप को अनुकूल बना रहे थे। यह कॉकरोच तो जेनेटिकली मॉडिफाई यानी आनुवंशिक रूप से संशोधित कर रहे थे। इनके खिलाफ कीटनाशक का असर नहीं हो रहा था।

आप जो अपने घरों में “HIT SPRAY” का इस्तेमाल करते हैं, तो उससे कॉकरोच मर जाते हैं, लेकिन शोधकर्ताओं के एक प्रयोग के अनुसार, यह कॉकरोच धीरे धीरे एक ही किटकनाशक के खिलाफ अपने आप को आनुवंशिक रूप से संशोधित करते हैं, और उसका असर धीरे खत्म हो जाता है, और जैसे ही हम कोई नया किटकनाशक लेकर आते हैं, उससे अपने आप को फिर से आनुवंशिक रूप से संशोधित करते हैं। और धीरे-धीरे अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं। तो दोस्तों, यह दिन प्रतीदिन और खतरनाक हो रहे हैं।

तो दोस्तों,‌ इंसानों को तो इतना समय लग गया लेकिन, यह तो कुछ ज्यादा ही जल्दी अपने आपको आनुवंशिक रूप से संशोधित कर रहे हैं। तो दोस्तों, अगर आपको कॉकरोच कहीं दिखे, तो उसे तुरंत मार दो, क्योंकि क्या पता कल भविष्य में जाकर यह आपके दुश्मन बन जाए।

और दोस्तों सबसे कमाल कि बात यह है, कि यह कॉकरोच को दर्द बिल्कुल नहीं होता, क्योंकि उनके शरीर पर पेन रिसेप्टर्स यानी दर्द रिसेप्टर्स नहीं होते, इस कारण से उन्हें दर्द बिल्कुल नहीं होता। और अगर इनका सिर कट जाता है,‌ तब भी जो जिंदा रह सकते हैं। क्योंकि इन्हें सांस लेने के लिए सिर की जरूरत नहीं पड़ती। क्योंकि, इनके पुरे शरीर में ट्रैकिया फैले होते हैं, जो छोटे-छोटे सांस लेने के छिद्र से जुड़े होते हैं, जो सांस लेने में मदद करते हैं। लेकिन सिर कटने के 10 दिन बाद प्यास के कारण मर जाते हैं।

तो दोस्तों, यार कॉकरोच दिन प्रतिदिन खतरनाक होते जा रहे हैं, और शोधकर्ताओं ने भी अपने हाथ टेक दिए, क्योंकि कोई भी किटकनाशक इनको कॉकरोच को नहीं मार पा रहा है। तो आगे जाकर यह कॉकरोच और भी खतरनाक हो सकते हैं। आपका क्या मानना है, कमेंट कीजिए, और कमेंट करने से पहले सोच ना, इंसान ढाई लाख समय इतना खतरनाक हो गया, लेकिन कॉकरोच तो हमसे कहीं ज्यादा तेजी से विकास कर रहे हैं।

तो दोस्तों पूरे इंटरनेट पर, इस प्रकार आज तक किसी ने भी समझाया होगा, और वह भी इतने सरल शब्दों में। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट जरुर कीजिए और हमारी वेबसाइट के बाकी सारे आर्टिकल भी जरूर पढ़िए।

तो दोस्तों आपको यह आर्टिकल कैसा लगा? अगर आप अपनी ज्ञान की सीमा को और बढ़ाना चाहते हैं, तो आप हमारे वेबसाइट को विजिट कर सकते हैं। briefingpedia.com

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