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क्या सूरज पश्चिम से उग सकता है?
नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम है, प्रतीक। और आज के इस वीडियो में हम लोग बात करने वाले हैं, क्या कभी सूर्य पश्चिम से उग सकता है। अगर आपको लग रहा है, यह तो नामुमकिन है, तो दोस्तों, जरा दिमाग की खिड़कियों को खोलो, और ध्यान से सोचो। और अगर आपको लगता है, कि ऐसा हो सकता बधाई हो😉। और अगर नहीं लगता तो जरूर से पूरा आर्टिकल पढ़िए है।😁
सूर्य आखिर पूर्व से क्यों उगता है?
तो दोस्तों, आइए सबसे पहले जानते हैं, कि आखिर सूर्य पूर्व में ही क्यों उगता है। अगर आपको पता है, तो आप सीधे तीसरे परिछेद से पढ़ सकते हैं। तो दोस्तों, पूर्व में उगने का एक ही कारण है, जैसा कि आप इस तस्वीर में, देख सकते हैं, कि हमारी पृथ्वी है, वह पूर्व दिशा में घूमती है, जिसके कारण हमें सूर्य पहले पूर्व में दिखाई देता है, क्योंकि पूर्व दिशा की ओर घूमने से, पूर्व दिशा पहले सूर्य की सामने आ जाती है, जिसके कारण हमें सूर्या पूर्व दिशा में दिखता। और जैसे-जैसे, पृथ्वी और घूमती है, हम जहां पर खड़े हैं, पृथ्वी पर वह जगह सूर्य की ठीक सामने आ जाती है, और दोपहर हो जाती हैं। और जैसे-जैसे पृथ्वी और घूमती है, तो पश्चिम दिशा सूर्य के सामने आ जाती है, जिसके कारण सूर्या पश्चिम में डूबता है, और पृथ्वी और घूमती है, तो जो जगह सूर्य के सामने थी, वह ठीक 12 घंटे बाद उसके उल्टी जगह पर आ जाती है, और रात को जाती है, और दूसरे दिन यह घटना, फिर से होती हैं, और हमेशा चलती रहती है, और दिन बदलते रहते हैं।

सूर्य कैसे पश्चिम से उगेगा?
तो दोस्तों, अब जानते हैं, कि क्या सूर्य कभी पश्चिम से उगता है। अगर आपने ऊपरवाला परिच्छेद ध्यान से पढ़ा हो, तो आप यह कहेंगे, बस पृथ्वी की घूमने की दिशा बदल दो, तो सूर्य पश्चिम से उगेगा। तो दोस्तों, आप यहां पर सही अंदाजा लगा रहे हैं, तो आइए जानते हैं, वह क्या क्या कारण है, जिससे पृथ्वी कि घूमने की दिशा बदल सकती हैं। तो दोस्तों, मैंने यहां पर दो मुख्य कारण, बनाए और बताए हैं, जिससे पृथ्वी का घूमना उल्टा हो सकता है।
1. पहला कारन
तो दोस्तों, आइए जानते हैं, पहले करण के बारे में। तो दोस्तों, पहले कारण के अनुसार, कोई धूमकेतु, उल्का तारा, क्षुद्रग्रह यानी एस्ट्रॉयड, या पृथ्वी से छोटा कोई ग्रह, अगर पृथ्वी से टकराता है, और वह भी उत्तर-पूर्वी दिशा में, और वह भी पृथ्वी के घूमने की रफ्तार से ज्यादा रफ्तार से, और उसका आकार 1 किलोमीटर से ज्यादा बड़ा हो, तो वह इतना दम रखता है, कि पृथ्वी की घूमने की दिशा को भी बदल सके, और जिससे सूर्य धरती पर पश्चिम में उगता हुआ दिखाई देगा। और अगर 45 डिग्री की कौन पर टकराता है, तो असर सबसे ज्यादा होगा। यहां पर सिर्फ घूमने की दिशा बदलेगी, जिसके कारण सूर्य पश्चिम में उगता हुआ दिखाई देगा।

2. दूसरा कारन
तो दोस्तों, आइए अब जानते हैं, दूसरे कारण के बारे में, इस कारण में, कोई बड़ा ग्रह, जैसे कि बृहस्पति यानी जुपिटर, या कोई मध्यम आकार का ब्लैक होल, या कोई बड़ा सितारा, अगर हमारे पूरे ब्रह्मांड में से, कईसे भटकता हुआ, अगर पृथ्वी के आसपास आता है, वह भी सिर्फ उत्तर-पूर्वी दिशा में, और इतना करीब आ जाए, की उसका गुरुत्वाकर्षण प्रभाव सूर्य से ज्यादा हो जाए, तो पृथ्वी, उसकी तरफ आकर्षित होगी, और वह उत्तर-पूर्वी दिशा में होने के कारण, पृथ्वी उस ओर घूमने लगेगी, उसके गुरुत्वाकर्षण प्रभाव के कारण, और जैसा कि मैंने आपको पहले बताया, अगर पृथ्वी का घूमना बदल जाए, तो सूर्य पश्चिम से उगेगा।

सूर्य पश्चिम से उगने पर पृथ्वी पर क्या असर होगा?
और दोस्तों, जब सूर्य पश्चिम से उगेगा, तो धरती पर कुछ ज्यादा असर नहीं होगा। और बस जो रात का आसमान है, वह बस उल्टी और से उगेगा। बस एक छोटा सा, बदलाव आएगा, जो समुद्र में ज्वार होते हैं, जिसे हम टाइड्स भी कहते हैं, उसने बदलाव आ जाएगा, और बाकी कुछ छोटे-छोटे बदला आएंगे, जिसके बारे में मैं आपको किसी और आर्टिकल में बताऊंगा, और पृथ्वी पर बाकी कुछ असर नहीं होगा।
तो दोस्तों पूरे इंटरनेट पर, इस प्रकार आज तक किसी ने भी समझाया होगा, और वह भी इतने सरल शब्दों में। आपको यह आर्टिकल कैसा लगा कमेंट जरुर कीजिए और हमारी वेबसाइट के बाकी सारे आर्टिकल भी जरूर पढ़िए।
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