The Briefer History Of Time 1st Chapter – Thinking About The Universe Book Summary

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नमस्कार दोस्तों, कैसे हैं आप सब?

तो दोस्तों आप लोगो ने stephen hawking के बारे मे तो जरूर सुना होगा अगर नही तो मैं आपको बता दूँ कि stephen hawking एक बहुत प्रशंसित science philospher और cosmologist थे। उन्होंने black holes से संबंधित काफी रिसर्च करी थी और हॉकिंग रेडिएशन जैसे कई सिंद्धान्तो का पता लगाया था।sir stephen hawking ने कई किताबें भी लिखी थी,”the briefer history of time” उनमे से एक है। इस किताब में उन्होंने हमारे ब्रह्मांड के कई रहस्य के बारे में बताया है और क्वांटम फिजिक्स की भी कई महत्वपूर्ण जानकारियां दी है उस book का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी थ्योरी को ढूंढना है जो इस संपूर्ण ब्रह्माण्ड मे काम करे चाहे वो विशालकाय ब्लैक होल्स हो या फिर सूक्षम क्वांटम पार्टिकल्स।

यह बुक the brief history of time का updated version है इसमे उन सभी प्रगतियो का भी उल्लेख है जो हाल में ही हबल टेलिस्कोप द्वारा की गई है और इसमें कई महत्वपूर्ण topics को पहले edition से ज्यादा अच्छे से समझाया गया है।इस बुक को stephen hawking ने लिखा है क्योंकि आज हम दुनिया के बारे में काफी कुछ जानते हैं और इस ब्रह्मांड को समझने में आज से 100 साल पहले के मुकाबले काफी ज्यादा करीब है और इसीलिए उन्होंने इस बुक में हमे ब्रह्मांड से जुड़ी कुछ रोचक बातें और तथ्य बताई है जो शायद आप और हम पहले नही जानते थे। इस बुक में हम जानेंगे कि ब्रह्मांड क्या है?इसकी उत्पत्ति कैसे हुई?और इसका भविष्य मे क्या होगा?

इस book मे 12 chapters है जिनको हम 12 अलग-अलग article मे समझेंगे।और इस article मे हम इस बुक के पहले chapter “thinking about the universe” यानी “ब्रह्माण्ड के बारे मे सोचना” को आसान और कम शब्दों मे समझेंगे।तो चलिए शुरू करते है।

chapter-1 (summary)

 इस चैप्टर में स्टीफन हॉकिंग सर ने बताया है कि हम एक बहुत ही  अजीब और रहस्यमई ब्रह्मांड में रहते हैं और इसकी विशालता और असीमता हमारी सोच से बिलकुल परे है। हम लोग  इस बड़े और विशाल ब्रह्मांड के सामने कुछ भी नहीं है। इसलिए हम इसके बारे में हम केवल कल्पनाएं करते रहते है।इसके बाद लेखक एक उदाहरण देते हैं कि एक बार एक प्रसिद्ध वैज्ञानिक अपना लेक्चर दे रहे थे कि कैसे पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाती है और फिर कैसे सूर्य हमारी मिल्की वे आकाशगंगा का चक्कर लगाता है जिस पर एक औरत खड़ी होकर बोलती है कि आप गलत बोल रहे हैं असल में पृथ्वी तो एक प्लेट  के आकार में है जो एक कछुए के ऊपर रखी हुई है जिस पर उस वैज्ञानिक ने हंसकर कहा कि अगर ऐसा है तो फिर कछुआ किस पर रखा हुआ है जिस पर वह औरत चुप हो गई।

 ये उदाहरण देकर स्टीफन हॉकिंग यह समझाना चाहते हैं कि मानव शुरुआत से ही  इस ब्रह्मांड को लेकर अलग-अलग कल्पना करते आए हैं मगर आज हम जानते हैं कि सच्चाई क्या है और इसलिए  किसी कछुए पर रखे होने की बात को हम सिरे से ख़ारिज कर देंगे लेकिन अगर हम एक पल के लिए वो सब भूल जाए जो भी हमने आज तक पढ़ा या जाना है और आसमान में देखें तो हमें भी सब कुछ रहस्यमयी लगेगा हमको यह समझ में नहीं आएगा कि आसमान में यह सफेद बिंदु क्या है? हम उनके बारे में कल्पना करेंगे मगर उनकी सच्चाई नहीं जान पाएंगे क्योंकि उनकी जो सच्चाई है वह हमारी कल्पना से भी परे होगी।

इसके बाद stephen hawking मरक्यूरी और सूरज का भी उदाहरण देते हैं कि कैसे mercury हमारी पृथ्वी से अलग है उसका temperature दिन मे 400℃ होता है और रात को -200℃  जो कि किसी आम पृथ्वी वासी के लिए कल्पना करना बहुत मुश्किल है और इससे भी मुश्किल है किसी सूर्य की कल्पना करना कि किस तरह उसमें हर सेकेंड हजारों किलो हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है उसके core का temperature 10000℃ से भी ज्यादा होता है।

इसके बाद stephen hawking के अनुसार किसी व्यक्ति के लिए  दूसरे तारों की हमसे दूरी की कल्पना करना बहुत मुश्किल है।इस पर stephen hawking  उदाहरण देते हैं कि कैसे एक बार एक चीनी शासक ने एक बहुत लम्बा tower बनवाया जिससे वह तारों को पास से देख सकें।किसी आम इंसान के लिए ऐसा सोचना सामान्य बात है क्योंकि  हमें यहां से सभी ग्रह और तारे पास नजर आते हैं, हम यह सच्चाई नहीं जानते कि वह हमसे कितने दूर हैं। असल में उनकी और हमारी दूरी इतनी ज्यादा है कि हम उसको किलोमीटर में भी नहीं नाप सकते। इस दूरी को हम प्रकाशवर्षों(lightyears) में नापते हैं। एक प्रकाश वर्ष मतलब वह दूरी जो प्रकाश 1 वर्ष में तय करता है और प्रकाश की गति  लगभग 300000 किलोमीटर पर सेकंड होती है। तो आप समझ ही सकते हैं कि एक वर्ष में प्रकाश कितनी दूरी तय करता होगा। लेकिन क्या आप लोग जानते हैं कि हमारे सबसे पास जो सूरज है(हमारे सूर्य को छोड़के) वह हम से 4 प्रकाश वर्ष दूर है जहां हमे हमारी आज की टेक्नोलॉजी से जाने में लगभग 10000 साल लग जाएंगे।

the briefer history of time book summary
हमारा सूर्य हमसे 8 light minute दूर है
(how far is sun from us)

 पुराने समय में लोगों ने इस ब्रह्मांड को समझने की काफी कोशिश की मगर क्योंकि उनके पास गणित और विज्ञान जैसे ताकतवर हथियार नहीं थे इसलिए वह इस ब्रह्मांड को ज्यादा नहीं समझ पाए। मगर आज के समय में हमारे पास वह सभी चीजें हैं जिनसे हम इस ब्रह्मांड को समझ सकते हैं चाहे वह कंप्यूटर हो टेलीस्कोप हो  या गणित और विज्ञान,आज हम इस ब्रह्मांड को समझने में पहले से काफी आगे हैं। मगर अभी भी हम कई सवालों के जवाब नहीं दे पाए हैं जैसे यह ब्रह्मांड कैसे बना?इसकी उत्पत्ति कैसे हुई ? क्या इसकी कोई शुरुआत है? अगर है तो इसकी शुरुआत से पहले क्या था? समय क्या है? क्या हम समय में आगे पीछे जा सकते हैं?इस ब्रह्मांड का अंत कैसे होगा?

 हमने अपनी कल्पना और जानकारियों के बल पर इनमें से कई सवालों के जवाब ढूंढ लिए हैं। मगर अभी हम नहीं जानते कि वह सही है या नहीं। हो सकता है कि वह इतने सही हो जितना हमारी पृथ्वी का सूर्य का चक्कर लगाना सही है या फिर इतने गलत जितना पृथ्वी का किसी कछुए के ऊपर रखा होना है। इसका जवाब तो हमको आने वाले वक्त नहीं मिलेगा।

 पहले चैप्टर में इतना ही था दोस्तों  मैं आशा करता हूं कि आपको यह summary अच्छी लगी होगी अगर आपको हमारी यह समरी अच्छी लगी तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तों में शेयर करें  जिससे हम ऐसे ही नए-नए आर्टिकल आपके लिए ला पाये। अगर आपको कुछ पार्ट अच्छा ना लगा हो तो आप हमको कमेंट में बता सकते हैं हम अगली बार बेहतर बनने की पूरी कोशिश करेंगे।

 आपसे मुलाकात होगी फिर किसी अंतरिक्ष के  रोमांचक और ज्ञानवर्धक टॉपिक के साथ। तब तक के लिए जय हिंद!