शनि जयंती 2020 शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए ?

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अनुक्रम

शनि जयंती क्या है?

मई माह की 22 तारीख को शनि जयंती यानी शनि भगवान जी का जन्म उत्सव मनाया जाता है. और यह माना जाता है. कि इस दिन पूजा करने से शनिदेव की कृपा आप पर होती है और यह भी माना जाता है. कि शनि चालीसा और शनि स्त्रोत का पाठ करना भी काफी लाभदायक हो सकता है. आपके जीवन के लिए आपके परिवार के लिए शास्त्रों में ये भी माना गया है. कि जिस व्यक्ति को हमेशा कष्ट, निर्धनता, बीमारी व अन्य परेशानियां रहती है. व उसका पीछा नहीं छोड़ती है तो use आज के दिन शनि देव जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए.

शनि जयंती

शनि जयंती पूजा के लिए किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?

यह माना जाता है, कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान सूर्य देव के पुत्र शनि देव का जन्म जेष्ठ मास की अमावस्या को हुआ था. जिस वजह से शनि देव की पूजा हर शनिवार को की जाती है. लेकिन अगर आप आज पूजा करते हैं. यानी 22 मई को तो आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं.

शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा के लिए आपको जरूरत पड़ती है. काली उड़द की दाल की, काले तिल, सरसों का तेल, काले वस्त्र और काले फल. इन सभी चीजों को आप खरीद सकते हैं और शनि देव कि पूजा कर सकते है.फिर इन सामग्रियों को एक साथ बंद करके बाहर रख सकते हैं या अपने घर में ही रख सकते हैं. वह अगले दिन पूजा करने के बाद आप किसी भी व्यक्ति को दान दे सकते हैं. जिससे आपकी जो भी मनोकामना होती है. और आपके घर में सुख शांति का वास होगा.

शनि जयंती के दिन ऐसा बिल्कुल ना करें?

शनि जयंती के दिन यह माना जाता है कि अगर आप शनि देव के इस पावन त्यौहार पर लोहे की वस्तुएं और काले जूते दान नहीं दें. या फिर कोई भी काली चीज को आपको दान नही देना है. वैसे भी लोहे की वस्तुओं का दान करना उचित नहीं माना जाता ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो सकते हैं.

और यह भी मान्यता है कि शनि जयंती के इस दिन लाल वस्तुओं को घर में ना लेकर आए क्योंकि लाल वस्तुएं सूर्य की प्रतीक मानी जाती है. लाल वस्तु से बड़े से सूर्य भगवान की पूजा की जाती है. लेकिन सूर्य देव और शनि देव आपस में पिता व पुत्र हैं. लेकिन शास्त्रों के अनुसार यह एक दूसरे के दुश्मन भी हैं. इसलिए जब कभी भी आप शनिदेव की पूजा करें तो वहां पर लाल कपड़ा या लाल फल जैसे सेव बिल्कुल भी ना रखें.

शनि देव किसका प्रतीक है

शनि जयंती के दिन शनि देव जी को शास्त्रों के अनुसार कष्ट, निर्धनता, बीमारी, परेशानियां, क्लेश, घर में अशांति आदि का प्रतीक माना जाता है और यह माना जाता है. कि जिस भी परिवार में यह सारी समस्याएं हैं. उसके घर में शनि देव जी का वास है. माना जाता है कि अगर किसी के भी घर में शनि देव  विराजमान है. तो उन्हें ऊपर बताई गयी सामग्रियों से उनकी पूजा करनी होगी व दान देनी होंगी किसी और को जिससे आपके घर में भी सुख शांति आ सकती है.

पूजा करने की तारीख व समय है?

22 मई रात 11:00 बजे 07 मिनट पर.

वैसे तो शनिदेव जी की पूजा हर शनिवार को की जाती है. लेकिन यह दिन व यह समय इस पूरे साल का सबसे अच्छा समय है. जिस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है. जिससे आपके परिवार में हमेशा खुशिया आ सकती है.

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