जैसे हिंदुओं की होली, दिवाली आती है। पंजाबियों की लोहड़ी आती है। वैसे ही मुसलमानों का सबसे लोकप्रिय त्यौहार माना जाता है ‘ईद’ जिसे ईद उल फितर रमजान के अंत के उपवास के इस्लामी पवित्र महीने को चिन्हित करता है, और पूरे विश्व में मुसलमानों द्वारा मनाया जाता है। ईद उल फितर जिसे उपवास तोड़ने का त्यौहार भी माना जाता है। यह लगभग वैसे ही है जैसे हिंदुओं में नवरात्रि होते हैं। ऐसे ही ईद पर मुसलमान उपवास रखते हैं, जिन्हें रोजे भी कहते हैं।
यह इस साल यानी 2020 में 23 मई से शुरू होगा और 25 मई तक चलेगा हालांकि वास्तविक तारीख चंद्रमा के दर्शन के अनुसार भिन्न हो सकती है. इसकी तारीक अमावस्या के दिन के अनुसार बदलती है और क्योंकि ईद उल-फितर भी शव्वाल महीने के पहले दिन को चिन्हित करता है. यह पूरे क्षेत्र में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है. वैसे इंडिया में यह 25 तारीख को मनाया जाएगा.
अनुक्रम
ईद उल फितर क्या है?
वैसे मुसलमान लोग कई प्रकार की ईद मनाते हैं. जिसमें एक ‘बकरा ईद’ होती है और दूसरी है. मीठी ईद जो की .. ईद रमजान के पवित्र महीने के अंत का प्रतीक है. इसमें उपवास, दया और अच्छे कार्यों की अवधि व कार्यवाही की जाती है. यह मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवकाश है और जब उन्हें उपवास करने की अनुमति नहीं होती है. तो वह ईद भी शव्वाल महीने की शुरूआत को दर्शाता है.
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जो महीने भर के उपवास की अवधि को समाप्त करने के लिए एक दावत के साथ शुरू होता है. हालांकि कुछ मुसलमान लोग 6 दिनों के शव्वाल ईद के अगले दिन के दौरान उपवास का पालन करते हैं. क्योंकि यह अवधि पूरे वर्ष के उपवास के बराबर मानी जाती है. यह धारणा है कि अच्छे कर्मों को इस्लाम में 10 बार पुरस्कृत किया जाता है और इसीलिए रमजान के 30 दिनों के अवकाश की अवधि उन सभी लोगों के लिए शांति, सद्भावना, और समृद्धि लाती है. धार्मिक कार्यो में उनकी वृद्धि कर देती है. उनके घर में सुख शांति अदा करती है और उन पर खुदा मेहरबान होता है.
ईद के तुरंत बाद क्या करते हैं मुसलमान?
यह माना जाता है कि मुसलमान ईद के बाद अल-अधा भी मनाते हैं. जो ईद उल फितर के तुरंत बाद होता है. इस दिन इब्राहिम के सपने में अल्लाह के इर्द-गिर्द घूमता है. जो अपने विश्वास के संकेत के रूप में अपने बेटे इस्माइल को बलिदान करने के लिए कहता है. यह लोग कथा ईसाई और यहूदियों कहानियों के समान है. जब भगवान ने इब्राहिम से अपने बेटे इसहाक का बलिदान करने के लिए कहा लेकिन बाद में उसे ऐसा करने से रोक दिया गया तो इसीलिए मुसलमान लोग ईद अल अधा भी मनाते हैं. जो कि ईद उल फितर के तुरंत बाद की जाने वाली एक घटना है. जिसका ज्ञान केवल मुसलमानों को होता है.
ईद का इतिहास?
ईद के इतिहास की बात करें तो ईद का इतिहास बहुत साल पुराना है. यह व्यापक रूप से माना जाता है. कि पैगंबर मुहम्मद को पवित्र कुरान का पहला प्रकाशन रमजान के पवित्र महीने के दौरान मिला था. जिस वजह से ईद उल फितर ने रमजान के दौरान सुबह से शाम तक उपवास की समाप्ति और शव्वाल महीने की शुरूआत को चिन्हित किया था. महीने भर के उपवास के अनुष्ठान के दौरान अल्लाह को सम्मान और शक्ति प्रदान करने के लिए ईद उल फितर मनाया जाता है.
और यह माना जाता है कि इस्लाम के संस्थापक हजरत मोहम्मद थे. जिन्होंने ईश्वर के संदेशवाहक के रूप में कार्य किया था. व इस्लाम के पैगंबर भी यही कहे जाते हैं और इन्होंने ही ईद जैसे तोहार की शुरुआत की बल्कि यह त्यौहार तब मनाया जाने लगा था. कि पैगंबर मुहम्मद को पवित्र कुरान का पहला प्रकाशन रमजान के पवित्र महीने के दौरान मिला था.
मीठी ईद में क्या-क्या बनाते हैं.
मीठी ईद को मुसलमान लोग विभिन्न प्रकार से इसे सेलिब्रेट करते हैं. अपने घर में वह मीठी सेमिया बनाते हैं. वह विभिन्न खाने-पीने की सामग्रियां बनाते हैं और दूसरे लोगों को इनवाइट करते हैं. जिन्हें वह अपने घर में बुलाकर एक प्रकार से दावत देते हैं. और यह भी माना जाता है कि ईद के दिन विभिन्न प्रकार के कार्ड्स भी बनाते हैं. वह उन्हें अपने फैमिली मेंबर व अपने दोस्तों को सेंड करते हैं.
और इस दिन सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं. व अपने खुदा को याद करते हैं. क्योंकि यह दिन खुदा को याद करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. क्योंकि इसी दिन इस्लाम के संस्थापक कहे जाने वाले पैगंबर मोहम्मद ने पवित्र कुरान को पड़ा था. आप हमें बताएं क्या आपको किसी ने ईद पर इनवाइट किया है या नहीं क्या आपको किसी ने ईद पर कोई कार्ड दिया है या नहीं.
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