देश और दुनिया के इतिहास मे 16 दिसंबर की तारीख – आज का इत्तिहास

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देश और दुनियाभर के इतिहास में आज की तारीख यानी ’16 दिसंबर’ बहुत गहरा इतिहासिक महत्व रखती है , क्योंकि आज ही के दिन कई बड़ी घटनाये घटित हुई और साथ ही अनेक महान हस्तियों का जन्म हुआ , तो चलिए आइए अब हम एक नज़र डालें आज के इत्तिहास पर।

• घटनाये :

(1) आज ही के दिन वर्ष 1971 में भारत और अन्य सयोंगी देशों के सौजन्य से लंबे बांग्लादेश मुख्ति युद्ध (Bangladesh Liberation War) के बाद बांग्लादेश में पाकिस्तान से आजादी का सूर्यउदय हुआ था।

(2) आज ही के दिन वर्ष 1960 में अमेरिका के शहर न्यूयॉर्क में दो विमानो की विपरीत दिशाओं से गुजरने के कारण भयानक टक्कर में 136 लोगों की मौत हुई।

(3) भारत के पहले ब्रीडल परमाणु सयंत्र ने पहली बार आज ही के दिन वर्ष 1985 में तमिल नाडु के कलपक्कम में कार्य करना शुरू किया था यह देश के ऊर्जा क्रांति की ओर एक बड़ा कदम था।

(4) आज ही के दिन वर्ष 1962 में नेपाली संविदा सभा द्वारा अंगीकृत संविधान (Constitution) को अपनाया , ऐसा नेपाल में पहली बार था परंतु मौजूद सीथिति में नेपाल 2 संविधानो को त्याग कर वर्ष 2005-2006 में आपने नए संविधा

• जन्म :
(1) आज ही के दिन वर्ष 1933 में महान भारतीय मुक्केबाज हवा सिंह का जन्म हरयाणा में हुआ था, खेल इत्तिहास में उन्हें भर्वजनी मुक्केबाजी (Heavyweight Boxing) में पूरे एशिया में रोशन भारत का नाम रोशन करने के लिए जाना जाता है , आज भी कई मुक्केबाजो के लिए हवा सिंह एक प्रेरणा स्त्रोत है

(2) आज ही के दिन वर्ष 1904 में महान ब्रितानी-अंग्रेजी यांत्रिकी वास्तुकार (Mechanical Engineer) का जन्म ब्रिटैन में हुआ था इत्तिहास में उनके हाइड्रोजन-ऑक्सीजन संलयन चलित ऊर्जा सेलो (Hydrogen-oxyen Fusion Cells) के आविष्कारक के तौर पर जाना जाता है।

• मृतु :

(1) आज ही के दिन वर्ष 1515 में भारतीय प्रान्त गोआ के पुर्तगाली गवर्नर जनरल अल्फांसो-दे-अल्बुकरेक् का निधन गोवा के वेलहा छेत्र में हुआ था , पुर्तगालियो द्वारा अल्फांसो को “महान विजेता” (The Great Conqurer) जैसी संज्ञाओं से नवाजा गया है।

(2) आज ही के दिन वर्ष 1971 में महान भारतीय सैनिक अरुण खेतरपाल का निधन *शहीदी पाकिस्तान के बारा पिंड में हुआ था, इन्होंने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (Indo-pak war) में जान की बाजी लगा कर फतेह का पताका फहराया था बाद में भारत सरकार द्वारा इनके इस महान कृत्य के लिए सर्वोच्च सेना पुरुस्कार “परमवीर चक्र” (मरणोपरांत) से सम्मानित किया था।

(3) आज ही के दिन 20 शताब्दी की प्रख्यात भारतीय माहिला कव्वाल शकीला बानो “भोपाली” का निधन हुआ था, उन्होंने लंबे समय तक सहहित्य विधाओं और बाद में थिएटर की लिए भी काम किया था।