भारत करेगा HCQ दवाई का आयात। India Will Export Hydroxychloroquine To World

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जब से फ्रेंच शोधकर्ताओं नहीं यह पाया है कि HCQ दवाई,जिसको मलेरिया जैसी घातक बीमारी का इलाज करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है,से कोरोना के मरीजों को ठीक किया जा सकता है।तबसे पुरे विश्व की नजर भारत पर है क्योंकि ये दवाई भारत मे एक बहुत बड़े स्तर पर बनाई जाती है और कुछ पड़ोसी और अफ्रीका के देश जहा मलेरिया का खतरा बहुत ज्यादा होता है लेकिन वो इतने विकसित नही हैं कि इस दवाई का उत्पादन कर सके वहाँ पर यह भारत से हर साल आयत की जाती है ।इस कारण भारत इस दवाई का सबसे बड़ा उत्पादक और exporter है।और बाकी कई विकसित देशों जैसे अमेरिका,ऑस्ट्रलिया,फ्रांस आदि मे इस दवाई का उत्पादन बंद है क्योंकि ये दवाई बहुत ज्यादा dose की होती है।

शुरुआत मे भारत ने यह दवाई आयत करने से मना कर दिया ताकि भारत के लोगो के लिए यह दवाई कम न पड़े क्योंकि ICMR की एक report ने यह पहले ही बता दिया था कि ये दवाइयां corona को हराने मे सहायक सिद्ध हो सकती है ,लेकिन जबसे अमेरिका के president,डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को धमकी दी है तबसे भारत ने दवाई का आयात एक स्तर तक चालू कर दिया है।

अब भारत ने paracetamol और HCQ दोनो का आयात विश्वभर के सभी देशों मे करने का निर्णय लिया है।इनका आयत हर देश की जरूरत और वहाँ पर coronavirus के संकट के अनुपात मे किया जाएगा। इसके अलावा भारत ने कहा है कि इन दवाइयों के आयात में पहला दर्जा पड़ोसी देशों को दिया जाएगा उसके बाद बाकी के देशों में इस दवाई का आयत किया जाएगा और जिन देशों में कोरोना का संकट काफी बढ़ चुका है वह भी ये दवाई आयत की जाएगी।

अभी भारत एक साल मे 20 करोड़ tablets इस दवाई की बना सकता है और सरकार ने कहा है कि वो कोशिश करेंगे की इसका उत्पाद और बढ़ाया जा सके ।सरकार ने ये भी साफ़ कर दिया है कि वो सबसे पहले इस दवाई को अपने देशवासियों के लिए मुहैया कराएंगे और उसके बाद ही दूसरे देशों को आयत करेंगे।

भारत मे कई लोगो ने इस दवाई को पहले ही खरीद कर घर मे रख लिया है ताकि जरूरत के समय वे इसे इस्तेमाल कर सके।डोनाल्ड ट्रम्प ने भी अपने देशवासियों से कहाँ हैं कि जो लोग Corona affected areas मे रहते है और अगर उन लोगो मे संक्रमण के लक्षण नही है तब भी वह इस दवाई का सेवन करे।हालाँकि कई वैज्ञानिको का यह मानना है कि ये दवाई के सेवन से कुछ खतरा भी हो सकता है और इसको आम लोगो को नही लेना चाहिए।हालाँकि यह दवाई नुक्सान देती हैं या नही,इसमें से कुछ भी अभी तक सिद्ध नही है।

इस दवाई के आयत के बदले इंडिया अपनी दवाई बनाने वाली कंपनियों के अमेरिका मे काम करने पर जो पाबंदी लगी हुई है उनको हटाने की मांग कर रहा है हालांकि अभी अमेरिका का कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है।

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जय हिंद जय भारत।

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