अंटार्टिका महाद्वीप में पाई गई पानी पर तैरती हरी बर्फ, Antarctica algae बनी इंसानों के लिए खतरे की घँटी

2026

ब्रिस्टिश कैंब्रिज यूनवर्सिटी के साइन्टिस्ट और एक्सपर्ट्स ने एक रिसर्च पेपर प्रकाशीत किया है, जिसमे उन्होंने बताया उनके गहरे अध्यन के बारे में की, आखिर क्यों Antarctica algae की वजह से महाद्विप हरा हो रहा है। उन्होंने के डिटेल्ड मैप तैयर किया जिसमें उन्होंने बताया कि अंटार्टिका हरे होने का कारण है, एलगी यानी शैवाल। और एलगी बर्फ पर नही पनप सकती।

algae in Antarctica
algae in Antarctica

अनुक्रम

एलगी पनपने का सबसे बड़ा कारण! Antarctica algae Reason

ग्लोबल वार्मिंग सबसे बड़ा कारण है Antarctica algae के पनपने का क्योकि ग्लोबल वार्मिंग के कारण गर्मी बढ़ती है, और जिससे बर्फ पानी में परिवर्तित होती है, और एलगी पनपती है। और अभी एलगी अभी के सिर्फ अंटार्टिका के सिर्फ तटीय इलाके पर ही देखि गयी है। लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, एलगी और भी बढ़ेगी।

एलगी का पनपना हमारे लिए क्यों खतरनाक है!

अगर Antarctica algae पनपती है, तो वहा पर और भी कही सारे, सूक्ष्मजीव पनपेंगे जिससे लाखो सालो बाद वह जंगल भी बन सकते है, हमारे पास इसका उदाहरन भी है, क्योकि आजसे 26 लाख साल पहले आज जैसा अंटार्टिका है, वैसे पूरी धरती हुआ करती थी, और धीरे धीरे धरती का तापमान कम हुआ और इंसान पनप पाये। और अगर ऐसे ही पूरी अंटार्टिका की बर्फ पिघल कर वहा पर जंगल बनता है, तो समुन्दर में काफी सारे पानी बढ़ जाएगा और, समुन्दर की उचाई लागभसग 210 फ़ीट बढ़ जायेगी, और जितने भी तटीय बड़े और छोटे शहर है, वह पानी में डूब जाएंगे। इसीलिए एलगी का बढ़ना हमारे लिए काफी घातक है।

आखिर एलगी इतने तेजी से क्यों फेल रही है Antarctica algae Spreading fast

अभी फ़िलहाल तो एलगी सबसे ज्यादा अंटार्टिका के तटीय और सबसे ज्यादा उसके पेनिंसुलर इलाके में देखि गई है। और अभी यह 1.9 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में फैला हुआ है, लेकिन अगले 2-4 सालो में यह संख्या 8 से 10 स्क्वायर किलोमीटर तक भी बढ़ सकती है। ओर पेनिसुलर एरिया में पेंगुइन रहते है, जिसके कारण वहा ज्यादा बायो-डाइवर्सिटी है, इसीलिए वहां ज्यादा एलगी बढ़ रही है।

अंटार्टिका के हरे होने का दूसरा कारण

मॉस यानी काई भी वहां पर काफी तेजी से बढ़ रही है, जहा पर ठंडा वातावरण होता है, वहा आम तौर पर मॉस देखने मिलते है, और यह हिमालया में भी देखने मिलते है। पिछले 50 सालों में इनके बढ़ने की गति 1 मिलीमीटर प्रति वर्ष थी, लेकिन अभी यह 3 मिलिमीटर प्रति वर्ष हो गयी है। इससे भी अंटार्टिका पर काफी असर होगा।

Antarctica algae
Antarctica algae

एलगी और मॉस से अंटार्टिका और मानवजाति पर क्या असर होगा!

सबसे पहले तो इनके बढ़ने के कारण वहां पर गर्मी बढ़ेगी जिसके कारण वहा जिस जिसे एरिया में वह पनपे है, वहा से बर्फ में दरार पड़ेगी और वह बर्फ टूट जायेगी, फिर वही बर्फ धीरे धीरे गर्मी बढ़ने के कारन पानी में बदल जायेगी। और धीरे समुन्दर की सतह की ऊंचाई बढ़ती जायेगी। जिसके कारण तटीय इलाके दुब जाएंगे।

बर्फ पिघलने से एक और बड़ा संकट हम पर मंडराएगा
Antarctica algae side effects

बर्फ पूरी तरह से पारदर्शी नही होती, और बर्फ एक आईने के तरह व्यव्हार करती है, और सूरज से आनेवाली रौशनी को वापस अंतरिक्ष की और रिफ्लेक्ट यानी प्रतिबिंबित कर देती है, लेकिन अगर वह बर्फ पानी में बदल जाती है, तो पानी तो पूरी तरह से पारदर्शी होता है, जिसके कारन वह सूर्य की ज्यादातर रौशनी को सोख लेगा। जिससे धरती का तापमान काफी बढेगा। सूर्य से सिर्फ हमें 1 घंटे में ही 430 क्विनतीलियन जुल जितनी ऊर्जा मिलती है। इतनी ऊर्जा हम पुरे एक साल में इस्तेमाल करते है, और इतनी ऊर्जा सूर्य सिर्फ हमें 1 घण्टे में देता है। यानी अगर अंटार्टिका की पूरी बर्फ पिघल जाती है, तो इसमें से जो ऊर्जा रिफ्लेक्ट होती थी, अब वह नही होगी और धरती पर गर्मी बढ़ेगी।

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