LCD kya hai – LCD क्या है? Best information

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LCD kya hai: अक्सर हम LCD यानी Liquid Crystal Display के बारे में सुनते रहते हैं, आम तौर पर यह Display हमारे मोबाइल फोन से लेकर टीवी तक सभी Digital उपकरणों में लगी होतीं हैं। मगर क्या आप वास्तव में यह जानते हैं कि LCD kya hai ? और Lcd kaise kam karti hai? अपने इस सवाल का जवाब जानने के लिए जुड़े रहिए आज के इस आर्टिकल से।

अनुक्रम

◆ LCD kya hai – LCD क्या हैं?

आईए अब हम जानते हैं कि LCD kya hai? LCD एक प्रकार की स्क्रीन होती हैं, जो कि Flat panel Display technology पर आधारित होती हैं, जिसके अंतर्गत यह स्क्रीन किसी भी चित्र या चलचित्र को Screen पर उतारने के लिए Pixels बनाती हैं और इन्ही Pixels के निर्माण के लिए ये Liquid Crystal अवस्था में मौजूद पदार्थ अणुओ (Material Molecules) का इस्तेमाल करती हैं।


आइए इसे आपके लिए और भी सरल बनाते हैं, आपने अपनी क्लास में द्रव्य की अवस्थाएं यानी कि States of matter तो जरूर पढ़ी होंगी जो कि समान्यतः तीन होती हैं :- ठोस (Solid) ; तरल (Liquid) और गैस (Gas) , अगर इसके बाद हम थोड़े एडवांस लेवल पर जाए तो हम प्लाज्मा (Plasma) के बारे में भी जानते ही होंगे, और इसी प्लाज्मा से मेल खाने वाली द्रव्य की एक अवस्थिति Twisted Nematic हैं और इसी अवस्था में LCD molecules मौजूद होते हैं।

इस तरह की स्क्रीन की खास बात यह हैं कि यह प्रकाश को एक जगह केंद्रित (polarize) कर देती हैं जिससे कि स्क्रीन पर पिक्सल की रचना होती और यह पिक्सल LCD screen पर चित्रों की उतपत्ति का कारण बनती हैं।
दोस्तों आशा है कि आप अब तक समझ चुकें होंगे कि Lcd kya hai ?

LCD kya hai

◆ Lcd का full form in Hindi:-

LCD : LIQUID CRYSTAL DISPLAY
एलसीडी : लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले

◆ Types of LCD (एलसीडी के प्रकार):-

अब तक हम यह जान चुके हैं कि LCD kya hai? आईए अब हम जानते हैं कि LCD कितने प्रकार की होती है। दोस्तों मुख्य तौर पर 3 प्रकार की LCD पैनल मार्किट में उपलब्ध हैं।

जिसमे की पहला और सबसे ज्यादा इस्तेमाल में लिया जाने वाला Twisted nematic {TN} हैं, साथ हि IN-Plane Switching {IPS} और
Vertical Alignment {VA}, तो आम तौर पर यह तीन विकल्प बाजार में उपलब्ध हैं, आइए एक-एक करके इनके बारे में जानते हैं:-

☞ Twisted nematic {TN} : दोस्तो LCD डिस्प्ले की यह तकनीक विश्वभर में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक हैं, इसके इतने व्यापक इस्तेमाल के पीछे इसका कम दाम और आम बाजारों में इसकी उपलब्धिता हैं।

मग़र आपको यह बता दे कि इस प्रकार की डिस्प्ले में कुछ खास Viewing experience नहीं होता हैं ऐसा इसलिए होता हैं क्योंकि इस तरह की Screens में दृश्य कोण यानी कि View angle बेहद ही कम होता हैं , तो आप सोच ही सकते हैं इस प्रकार की Screen में किआ तरह की डिटेल्स और क्वालिटी आपको मिलेगी, हालांकि Image processing speed के मामले में ये बाकी 2 types की Screen से काफी आगे हैं।

☞ Vertical Alignment {VA} : स्क्रीन का यह प्रकार Twisted nematic तकनीक की अपेक्षा दोनों ही मोर्चो :- (1) Colour reproduction और (2) Viewing angles पर काफी बेहतर हैं, परन्तु जहां यह पीछे रह जाता।

हैं, वो जगह हैं Angular colour reproduction में इसको बेहतर समझने के लिए एक उदहारण देखें :- अपने यह अक्सर नोट किया होगा कि जब कभी भी आप अपनी Computer monitor screens को दाएं या बाए ओर झुक कर देखते है तो आपको काफी हद तक Screen सफेद नजर आती हैं और यही इस स्क्रीन की असली खामी हैं।

☞ IN-Plane Switching {IPS} : LCD स्क्रीन का सबसे बेहतरीन प्रकार IPS display हैं, इसकी खास बात यह हैं कि यह बाकी अन्य डिस्प्लेयो की अपेक्षा हर तरह से बेहतर हैं चाहे Colour production की बात हो या Viewing angles की यह Display बेहतरीन Performance ऑफर करती हैं, और आज कल आ रहे अधिकांश Tv स्क्रीन्स को इसी तकनीक पर बनाया जा रहा हैं।

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◆ LCD के Advantages:-

(1) LCD डिस्प्ले उन लोगो के लिए एक बेहतिन विकल्प हैं जिन्हें अपने Digital उपकरणों जैसे Smartphone , smart watch और Laptops में लगी LCD डिस्प्ले को घर से बाहर दिन के वक्त इस्तेमाल करना हो, चूंकि तेज से तेज सूरज की रोशनी के बावजूद भी LCD स्क्रीन स्पष्ट तौर पर नजर आती हैं, ऐसा डिस्प्ले के बेहतर लुमेन्स की बदौलत होता हैं.

(2) बिजली के अनिरन्तर सप्लाई या फिर Power fluctuations की सिथिति में भी Lcd स्क्रीन बेहतरीन Resolution प्रदान करती हैं, जिसका असर Screen पर डिस्प्ले हो रहे रंगों पर नही पड़ता हैं और सब कुछ बिल्कुल साफ और सामान्य नजर आता हैं.

◆ LCD के Disadvantages:-

(1) कंट्रास्ट (Contrast) की कमी होने के कारण काला रंग स्प्ष्ट तौर पर नजर नही आता हैं, वह काले की बजाए ग्रे (Grey) नजर आता हैं।

(2) अन्य विकल्पों जैसे LED (Light emitting diode) और प्लाज्मा आदि की अपेक्षा पिक्चर क्वालिटी की कमी नजर आती हैं, रंग अधिक प्राकृतिक नही लगते हैं।

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◆ Difference Between LCD & LED:-

आइए अब हम दोनों ही प्रकार के डिस्प्ले पैनल तकनीक LCD और LED के बीच मुख्य अंतर जानते हैं :-

LCD यानी कि Liquid Crystal Display और
LED यानी कि Light emitting Diodes में Backlight mechanism का बुनियादी फर्क हैं दरअसल LCD में fluorescent backlights का इस्तेमाल किया जाता हैं, परन्तु वहीं दूसरी ओर LED में light-emitting diodes backlights का इस्तेमाल होता हैं।


साफ तौर पर LED डिस्पले पैनल LCD की अपेक्षा अत्यंत आधुनिक और बेहतर पिक्चर क्वालिटी के साथ आते हैं, परन्तु LED में भी Backlights powers के हवाले से कई सारी रेंज उपलब्ध हैं।

◆ Working principle of LCD:-

LCD यानी Liquid crystal display जिसका आविष्कार सन 1968 में हुआ था, इसे आज pc monitors से लेकर Smartphones की स्क्रीन और आजकल तो Smart watches की डिस्प्ले में भी किया जाने लगा हैं।

यह Liquid crystal material molecule के बने डिस्प्ले पैनल पर Photo polarization यानी प्रकाश केंद्रीकरण के जरिए Pixels की रचना करता हैं, जिससे कि आपको स्क्रीन पर अलग अलग रंग की इमेज नज़र आती हैं। (बेहतर समझ के लिए नीचे दी गयी Images को देखें)

◆ LCD VS CRT :-

बेशक, LCD (Liquid Crystal Display) CRT यानी Cathode-ray tube डिस्प्ले की अपेक्षा हर मामले में बेहतर होती हैं।

अब चाहे हम इनके Size की बात करें तो CRT LED डिस्प्ले की अपेक्षा बेहद ही बड़े और मोटे (Bulky) होते हैं, ऐसा उसमे मौजूद भारी-भरकम Cathode-ray picture tube के कारण होता हैं जो कि Monitor या Tv के सम्पूर्ण वजन का 80% भाग से भी ज्यादा होती हैं पर वही अगर हम LCD डिस्प्ले की बात करें तो इसमें कोई भी Picture tube नही होती हैं, वास्तव में इसमें लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले और उसे रौशन करने के लिए Flourocent Backlight का इस्तेमाल होता हैं जिस कारण LCD डिस्प्ले साइज में बेहद ही पतली होती हैं।


साथ ही हम अगर CRT और LED में Picture Quality और ओवरऑल Viewing experience की बात करें तो यहां भी LCD CRT से कई आगें हैं, CRT में पिक्सल्स बेहद ही बड़े होते हैं जिस कारण वह बेहतर पिक्चर क्वालिटी नहीं दे पाते हैं और यहां भी LCD से मुकाबला हार जाते हैं।


अंत मे अगर एक जरुरी और आखरी कारक की बात करें जो कि Power consumption हैं , उसमे भी CRT LCD से पीछे हैं एक भारी-भरकम और Non-modular Picture tube होने के कारण टीवी का बिजली खर्च बेहद ही ज्यादा हो जाता हैं, हालांकि एक मात्र कारक जो कि हैं टिकाऊपन यानी Durability, उसमे CRT LCD से कई पीछे हैं एक आम CRT की लाइफ तकरीबन 10 से 15 साल होती हैं मगर एक LCD की लाइफ महज 3 से 6 साल की होती हैं।

“यकीनन अब तक आप यह समझ गए होंगे कि आपके लिए कौनसा बेहतर विकल्प हैं!”

◆ आज आपने क्या सीखा / सारांश :-

दोस्तो आज के इस आर्टिकल में हमने देखा कि LCD क्या है? (LCD kya hai) और यह कैसे काम करता हैं ? साथ ही हमने LCD के विभिन्न प्रकारों जैसे TN , VA , IPS आदि पर भी चर्चा की और आपको CRT(Cathode-ray tube) जो कि पुराने दौर की डिस्प्ले तकनीक हैं उसके हवाले से भी कई नई जानकारियां दी।


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