मौजूदा हालात :
इस नाज़ुक दौर में भारत अमेरिका और चीन समेत विश्व भर के कई दिग्गज राष्ट्र कोरोना वायरस से जंग लड़ रहे है , ऐसे में देश भर में आपाधापी और असमंजस का माहौल बना हुआ है, लोग निरन्तर समाचर माध्यमो द्वारा संक्रमंड के प्रति आपने ज्ञान में बढ़ोतरी और अतियादो के तरीकों के बारे में जान रहे है, परन्तु अभी भी व्हाट्सएप्प जैसे अन्य सोशल मीडिया माध्यमो में अफवाहों का बाज़ार गर्म मालूम होता है लोग बगैर किसी खोज बिन के फ़र्ज़ी खबरों का धड़ल्ले से प्रचार प्रसार कर रहे है जिस कारण जन सामान्य में भ्रम की सिथिति उत्पन्न हो रही है लोग इस वायरस से बचने के तरीकों को अभी भी शो से समझ नही पा रहे है ब्रीफिंगपीडिया की पूरी टीम सभी पाठकों और दर्शकों से यह निरन्तर आग्रह कर रही है कि किसी भी खबर को आगे बढ़ाने से पहले उसकी प्रमाणिकता और सत्यता की जांच जरूर करे, साथ हम देशभर के सभी लोगो के स्वास्थ की मंगल कामना करते है।
किस सतह पर कितनी देर तक जीवित रहता है कोविड-19 का संक्रमण्ड ?
पिछले वक्त में हुई कई रिसर्च यह बताती है कि निर्जीव वस्तुओं पर संक्रमण्ड ज्यादा लंबे समय और प्रभावशाली समय तक संक्रमण्ड जिंदा नही रह सकता परन्तु इस बार कोविड-19 के मामले में यह रिपोर्ट कुछ गलत साबित हो रही है, वैज्ञानिकों का यह मानना है कि विश्व भर में फैलने वाले संक्रमण्ड भिन्न-भिन्न प्रकार के होते है उनकी प्रवर्ति और प्रकर्ति भिन्न-भिन्न प्रकार की होती किसी का फैलाव धीरे होता है तो किसी का अत्यंत तीव्र परस्पर कोई ज्यादा घातक होता है तो कोई कम (यहां घातक से मृत्युदर (मोर्टेलिटी रेट) का अभिप्राय है) बाहरहाल उसी उसी प्रकार कोविड-19 का संक्रमंड विभिन्न पदार्थो की सतहों पर वायरस के जिंदा रहने का समय कम और ज्यादा है, भारत समेत विश्वभर के वैज्ञानिकों और जैववविदों के अनुसंधान के परिणामो के अनुसार ब्रीफिंगपीडिया ने अपनी यह रिपोर्ट तैयार की है ।
• हवा – 3 घंटे (अगर किसी संक्रमित व्यक्ति ने खुली हवा में बगैर मुँह ढके छिख़ और खासी की तो यह वायरस उस व्यक्ति के आसपास के करीबन 2 मीटर तक के दायरे में 3 घंटे तक औसतन जीवित रह सकता है, शोध परिणामो के अनुसार यह वायरस हवा में मौजूद धूल और राख के कण्डों में चिपक कर हवा के बहाव के अनुरूप एक स्थान से दूसरे स्थान पर भी जा सकता है जिस कारण यह दायरा 2 मित्र से बढ़कर 200 मीटर तक भी हो सकता है परन्तु यहां राहत की बात यह है कि यह एक निश्चय समय और दूरी तक ही जीवत रह सकता है।
• तांबा (Cooper) – 4 घंटे (आपने आप मे ही तांबे को एक विशिष्ट भौतिक और रासायनिक प्रवर्ती वाला धातु माना जाता है, तांबा कई रासायनिक गुनवक्ताओ से युक्त धातु होता है, भारतीय संस्कृति और हिन्दू धार्मिक मान्यतों में भी तांबे का एक विशिष्ट स्थान है परन्तु अब आपके मन मे यह सवाल उठ रहे होंगे कि इस बात का इस संक्रमण्ड से क्या जोड़ है? तो हम आपको बता दे कि अभी तक के सभी शोधकार्यो के अनुसार तांबा वह अकेला धातु है जो जिसमे हवा के बाद सबसे कम समय तक कोरोना के संक्रमण्ड क्रियाशील रहते है, तांबे में अगर कोरोना वायरस के संक्रमण्ड आ भी जाये तोवह केवल 4 घंटे तक जीवित रहते है तत्पश्चात उनमे दूसरे किसी और चीज या मानव को संक्रमित करने की क्षमता का अंत हो जाता है।
• कार्डबोर्ड -24 घंटे (कार्डबोर्ड रोज-मर्रा के जीवनमें कम में आने वाली एक और आम चीज है आप यह जान ले कि यह वायरस इस वस्तु पर निरन्तर 24 घंटे अर्थात पूरे एक दिन तक क्रियाशील रहता है जो कि किसी व्यक्ति या अन्य किसी वस्तु को संक्रमित करने के लिए पर्याप्त समय है इस दौरान किसी कार्डबोर्ड से बनी वस्तु का प्रयोग करने के उपरांत समय समय पर उसे बदलने और असंक्रमित करना ही एक सही उपाय है, परन्तु अगर कार्डबोर्ड से बनी कोई वस्तु किसी बाहरी व्यक्ति के सम्पर्क में नही आई तो उसे बदलने या असनक्रिमित करने की कोई आवश्यकता नही है।
• स्टैनलैस स्टील – 48 से 72 घंटे (आमतौर पर भारत मे भोजन पकाने और खाने के लिए स्टील के बर्तनों का प्रयोग करा जाता है और ऎसे में एक चौका देने वाली बात ये है कि कोरोना का संक्रमण्ड स्टिल से बनी चीजों पर लंबे समय तक क्रियाशील रहता है यह वायरस स्टिल से बनी चीज़ों पर 2 से 3 दिन तक कि लम्बी अवधि तक जीवित रहता है जो सचमुच एक चिन्ता का विषय है, क्योंकि मुख्यता एशिया के अधिकांश भागो में इन बर्तनों में भोजन किया जाता है ऐसे में हमे कुछ सावधानियां बरतने के आवश्यकता है जैसे अगर आपके घर मे किसी को कोरोना संक्रमण्ड की पुष्टि हो चुकी है तो भूल के भी उनके बर्तनों को ना ही छूए और ना ही उनका प्रयोग करे ऎसे में यह संक्रमण्ड घर के शेष सभी व्यक्तियों को भी हो सकता है इस दौरान अगर को शक्श सशंकित है तो उसे डिस्पोजेबल बर्तनों में भोजन दे।
• प्लास्टिक- 72+ घंटे ( आज हम पूरी तरह से प्लास्टिक और मिलती-जुलती अन्य रसैनिक वस्तुओ से घिरे हुए है,चाहे वो अभी आपके हाथ मे पकड़ा हुआ मोबाइल हो या फिर आपका टेलिविज़न सब का सब प्लास्टिक से बना हुआ है ऐसे में आपको बड़ी सावधानी के साथ इन वस्तुओं को प्रयोग करने की आवश्यकता है, समय समय इन वस्तुओं को अल्कोहोल आधारित सैनिटाइजर से साफ करते रहे हो सके तो इन वस्तुओं को प्रोयोग करने के बाद अच्छी तरह हाथ धोये हो सके तो इस दौरान अपनी इन वस्तुओं को बाहरी लोगों के प्रत्यक्ष सम्बन्ध से बचाये, साथ ही यह डर घर मे प्रयोग किये जाने वाली प्लास्टिक की अन्य चीज़ों में भी बरकर्रार है परन्तु डरने की आवश्यकता नही है केवल यह सुनिश्चित करे कि यह सभी वस्तु किसी संक्रिमित व्यक्तियों के सम्पर्क में ना आये।
महत्वपूर्ण सूचना :
अगर आप हाल ही में विदेश तथा प्रभावित इलाकों से आपने स्थान पर लौटे है और आपको कोरोना संक्रमण्ड (कोविड-19) के लक्षण आते है तो फौरन आपने आप को अन्य लोगो से अलग (Isolate) कर ले तसत्पश्चात भारत सरकार द्वारा जारी निन्म नंबर पर कॉल करे : +91-11-23978046
ब्रीफिंगपीडिया की पूरी टीम इस मुश्किल की घड़ी में आप और देशभर के परिवारों की स्वास्थ की मंगलकामना करती है, साथ ही संक्रमण्ड के खिलाफ इस युद्ध मे लगे सभी योद्धाओं (चिकित्सको अन्य हस्पताल कर्मचारियों , पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों और मेडीएकर्मनियो) को सलाम करती है।